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‘‘कोविड-19 का शिक्...

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‘‘कोविड-19 का शिक्...

‘‘कोविड-19 का शिक्षा पर प्रभाव एवं चुनौतियाँ’’

Author Name : अर्चना देवी

प्रस्तावना
चीन के वुहान शहर में एक वायरस की पहचान कोरोना वायरस के रूप ;ब्वअपक.19द्ध में की गई। इस वायरस के कारण समस्त विश्व संकट में आ गया तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया। ॅभ्व् के मुताबिक बुखार खांसी सांस लेने में पेरशानी आदि इसके प्रमुख लक्षणों मंे है। कोरोना वायरस संक्रमण से सामाजिक आर्थिक, राजनैतिक, धार्मिक तथा शैक्षिक आदि सभी क्षेत्र मंे इसके प्रभाव को देखा जा सकता है। कोरोना वायरस ने हमारी सामाजिकता पर कुठाराघात किया है। हमारे आपसी सम्बन्ध कहीं न कहीं धूमिल से हो गये क्योंकि न हम किसी के गमों को साझा कर पाये हैं और न ही विभिन्न तीज त्यौहारों पर मिल सके हैं, क्योंकि महामारी से बचने के लिए ‘दो गज की दूरी मास्क है जरूरी’ जैसे नियमों को बना कर न केवल दोस्त और रिश्तेदार दूर हुए बल्कि एक ही परिवार के सदस्यों के बीच दूरियाँ बढ़ गई खौफ का माहौल सा उत्पन्न हो गया। इस कोरोना ने मानवता को समाप्त कर स्वार्थ की पृष्टिभूमि तैयार की है। हमारी शिक्षा व्यवस्था भी ब्वअपक.19 से अछूती नहीं रही कोविड-19 ने महामारी ने शिक्षा के सभी स्तरों को प्रभावित किया है। कोविड-19 के इस दौर में जहाँ शिक्षार्थी को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा वहीं शिक्षक भी इस महामारी का शिकार होता पाया गया।