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गिरमिटिया मजदूर...

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गिरमिटिया मजदूर...

गिरमिटिया मजदूरों के देश का साहित्य

Author Name : Dr. Archna Daniel

साहित्य समाज के बीच में उपजता है। समाज के उसकी सही दिशा दिखाने वाला आझा होता तो भविष्य के लिए मार्गदर्शक भी। किसी भी देश अथवा समाज के साहित्य के अध्ययन, अनुशीलन और मूल्यांकन के लिए जरूरी होता है कि वहाँ की एतिहासिक व सामाजिक पृष्ठभूमि को जाना जाए परखा जाए। 

सन् 1715 ई. में फ्रांसीसी मॉरीशस द्वीप पर आए, गवर्नर माहे द लाबुर्दोने मॉरीशस आया, उसने इस टापु का विकास किया, कृषि कार्यों के लिए मेहनतकेश मजदूरों की आवश्यकता थी, जिसके कारण उसे भारत की ओर मुड़ना पड़ा, इन मजदूरों ने सड़के, पुल, अस्पताल और किले बनाए। दूसरी पीढ़ी तक पहुँचते-पहुँचते थे भारतीय अपनी राष्ट्रीय जीवन-पद्धति से विमुख होते गए, वे पूर्णतः पाश्चात्य परिवेश में रहने लगे, अपनी राष्ट्रीय पहचान एवं संस्कृति से एकदम हट गए थे। सन् 1810 में मॉरीशस पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। फ्रांसीसी संस्कृति और सभ्यता का असर आज भी मॉरीशस के जन जीवन हर क्षेत्र में देखा जा सकता है।