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गाँधी जी के गाँव ...

गाँधी जी के गाँव का आदर्श पैटर्न

Author Name : नवनीत

गाँधी जी के गाँव का एक आदर्श ग्रामीण पैटर्न

महात्मा गांधी जी ने भारत के गाँवों की सभ्यता को ही भारत की पहचान बताया है। गाँवों को समझने का मौका उन्हें 9 जनवरी 1915 के बाद मिला जब वे अफ्रीका छोड़ कर भारत आए। प्रारंभ में वे कांग्रेस के बड़े नेताओं जैसे- प० नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, मौहम्मद जिन्ना और मौलाना अबुल कलाम जैसे नेताओं के संपर्क में आए। इसी समय के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गोपालकृष्ण गोखले से उनका संबंध स्थापित हुआ। महात्मा गाँधी को उन्होने बताया कि वे अभी राजनीति में न उतर कर भारत के संपूर्ण आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक एवं पृष्ठभूमि को समझें। गाँधी जी गोखले जी के विचारों से इतना प्रभावित हुए कि भारत भ्रमण के दौरान उन्होंने भारत के शहरी और ग्रामीण दोनों समाजों का गहरा निरीक्षण किया। वे इस निष्कर्ष पर पहंचे कि भारत में गाँवों का समाज ही भारत का आदर्श ग्रामीण पैटर्न बन सकता है। इस भारत भ्रमण के दौरान वे जानने लगे थे कि सम्पूर्ण भारत देश के गाँवों में बसता है।