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मध्यकालीन समाज म...

मध्यकालीन समाज में नारी की स्थिति

Author Name : डॉ॰ प्रवेश कुमारी

सार

प्राचीन काल से ही नारी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं राजनैतिक व्यवस्था की केन्द्र रही है। प्राचीन भारत की संपन्नता में मुख्य रूप से जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नारी का विशेष योगदान रहा है। हम समाज की स्थिति का अंदाजा उस समाज में रहने वाली महिलाओं की स्थिति से लगा सकते है। प्राचीन काल में नारी को स्वतंत्रता अधिकार एवं सम्मान प्राप्त था। मानव जीवन के सर्वोमुखी विकास में नारी की विशेष भूमिका रही है।1 वैदिक काल में नारी को जो आदर, सम्मान प्राप्त था वो उत्तर वैदिक काल में धीरे-धीरे कम होता चला गया। महाकाव्यों के अध्ययन के पश्चात् पता चला है कि धीरे-धीरे महिलाओं के राजनैतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और वैचारिक स्वंतत्रताओं पर रोक लगा दी गई। जिसके कारण महिलाओं की स्थिति द्यनीय होती गई।

जब भारत में मुस्लिम आक्रमणकारियों का आना शुरू हुआ तो मध्यकालीन समाज में नारी की स्थिति में गिरावट शुरू हो गई बाल-विवाह, पर्दा प्रथा, सती प्रथा, वेश्यवृति, तलाक, दहेज प्रथा आदि कुप्रथाओं के कारण नारियों पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा।