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हिन्दी गद्य का स्...

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हिन्दी गद्य का स्...

हिन्दी गद्य का स्वरूप और विकास साहित्य में गद्य पद्य की स्थिति

Author Name : डॉ0 रेखा श्रीवास्तव


साहित्य मानव चेतना की अभिव्यक्ति है। चेतना अनुभूति की सधनता तथा चिन्तन की सूक्ष्मता के समन्वित आधार पर स्वरूप ग्रहण करती है। अनुभूति का सम्बन्ध हृदय की सम्वेदशीलता से है और चिन्तन वस्तुतत्व के स्थिति बोध के लिए उठने वाली शंकाओं, जिज्ञासाओं तथा प्रश्नों के बौद्धिक समाधान का दूसरा नाम है।