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ISSN: 2455-6211

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ऐतिहासिक हिंदी उ...

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ऐतिहासिक हिंदी उ...

ऐतिहासिक हिंदी उपन्यासों में कल्पना और इतिहास दृष्टि

Author Name : सुरेंद्र सिंह

 

DOI: https://doi.org/10.56025/IJARESM.2023.115233245

 

सारांश

साहित्य और इतिहास में घनिष्ठ संबंध हैं जो न केवल परस्पर समाज को क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर रूप से प्रभावित करते हैं बल्कि हमारे वर्तमान की चेतना के निर्माण में निर्णायक भूमिका भी निभाते हैं। औपनिवेशिक अतार्किक ऐतिहासिक व्याख्याओं को चुनौती देने के लिए स्वतंत्रता आंदोलन के समानांतर जिस बौद्धिक प्रतिरोध का विकास हुआ उसने प्राचीन भारतीय वैभव के पुनरुत्थान में महत्ती भूमिका निभाई, इसका एक विशिष्ट माध्यम इतिहासिक हिंदी उपन्यास लेखन कला रहा जिसने न केवल सामूहिक चेतना को जन्म दिया बल्कि कम साक्षर लोगों से लेकर उच्चतर विद्वानों तक को प्रभावित किया। साहित्यिक  कल्पना  के बावजूद इनमें निहित इतिहास बोध व दृष्टि को नकारा नहीं जा सकता,हालाँकि सृजनात्मकता और  ऐतिहासिक वैज्ञानिकता में स्पष्ट सीमा खींचना कठिन है किंतु मिश्रित  रूप से रची इन कृतियों ने इतिहास की कुछ बड़ी कमियां पूरी करने का कार्य किया जैसे पिछड़े वर्गों व निम्न तबकों को इतिहास में स्थान देना,नारी दृष्टिकोण से लेखन और लोक परंपरा-कथाओं का समावेश करना।