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स्वामी विवेकानं...

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स्वामी विवेकानं...

स्वामी विवेकानंद के राष्ट्रवाद एवं स्वतंत्रता सम्बंधित विचारों का अध्ययन

Author Name : डॉ. अशोक आर्य

शोध सारांश 

विवेकानंद मूल रूप से एक तपस्वी साधु थे, राजनीतिक दार्शनिक या सिद्धांतवादी नहीं, फिर भी उन्हें देश, इसकी संस्कृति और सामाजिक व्यवस्था के प्रति गहरा प्रेम था। “विवेकानंद राजनीतिक आंदोलन के पक्ष में नहीं थे, हालांकि, वे दिल से एक शक्तिशाली, वीर और गतिशील राष्ट्र बनाना चाहते थे। वे धर्म को राष्ट्रीय जीवन के संगीत की स्थायी ध्वनि मानते थे।“ स्वामीजी गांधीजी की तरह राजनीति को आध्यात्मिक बनाना चाहते थे। एक राजनीतिक चिंतक के रूप में विवेकानंद जन-कल्याणकारी राजनीति के समर्थक थे और गांधी की तरह राजनीति को धर्म और सार्वभौमिकता के आधार पर रखना चाहते थे। स्वामी विवेकानंद के गुरु का नाम रामकृष्ण परमहंस था। उन्होंने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। जल्द ही वे रामकृष्ण के सबसे नामी शिष्यों की लिस्ट में शुमार हो गए। उन्होंने ब्रह्म समाज ज्वाइन किया जिसका उद्देश्य बाल विवाह और अशिक्षा को खत्म कर लोवर क्लास और महिलाओं के बीच शिक्षा को पहुंचाया था। विवेकानंद का हिंदू धर्म और आध्यात्म के लिए गहरा लगाव था। उनसे स्वामी की मुलाकात तर हुई जब वे ईश्वर की खोज कर रहे थे। 

मुख्य बिन्दु:- स्वामी विवेकानन्द जी का जीवन दर्शन, धर्म, शिक्षा, चेतना, राष्ट्रवाद,  स्वतंत्रता सम्बंधित विचार, आदर्शवाद , राष्ट्रीय एकता एवं निष्कर्ष ।