International Journal of All Research Education & Scientific Methods

An ISO Certified Peer-Reviewed Journal

ISSN: 2455-6211

Latest News

Visitor Counter
3164576630

औरंगजेब की धार्म...

You Are Here :
> > > >
औरंगजेब की धार्म...

औरंगजेब की धार्मिक नीति के कारण हुए विद्रोह: एक चर्चा

Author Name : डाॅ० आनन्द वर्धन कुमार

धार्मिक नीति औरंगजेब की शासकीय नीति का अंग था, और उसमें औरंगजेब ने कितनी सफलता पायी, हिन्दू-मुस्लिम एकता पर धार्मिक नीति का क्या असर पड़ा, सभी हिन्दुओं को मुसलमान क्यों नहीं बनाया जा सका, तत्सदृश विषयों की चर्चा होगी। सभी मंदिरों को क्यों नहीं तोड़ा जा सका, सभी संस्कृत पाठशालाओं को क्यों नहीं नष्ट किया जा सका और संस्कृत विद्या क्यों नहीं विलुप्त हो सका। साथ हीं उसके इस नीति के कारण हुए विद्रोह की चर्चा आलेख में की गई है। साथ ही हिन्दुओं के सम्बन्ध में आयी हुयी अस्पष्ट अवधारणाओं को भी स्पष्ट किया जाएगा। डाॅ० भार्गव ने कहा है कि ‘औरंगजेब इस प्रकार का अत्याचार इसलिए कर सका क्योंकि हिन्दुओं में फूट और दुर्बलता थ्ीा। यदि भारत के बहुसंख्यक करोड़ों राजपूत, मराठे, ब्राह्मण, सिक्ख और अन्य हिन्दू मिलकर विदेशियों के खिलाफ उठ खड़े होते तो एक हजार औरंगजेब भी हिन्दुओं पर इस प्रकार के अनाचार नहीं कर सकता था। वास्तव में यह अतिशय दुःख और शर्म की बात थी कि जिन हिन्दुओं ने अकबर को सहायता देकर मुगल साम्राज्य को समृद्ध बनाया उन्हीं को अपमानित और प्रताड़ित करके औरंगजेब ने मुगल साम्राज्य के लिए कफन तैयार कर दिया। डाॅ० भार्गव के अनुसार समस्त हिन्दू यदि एक हो जाते तो औरंगजेब के द्वारा हिन्दुओं पर अत्याचार करना संभव नहीं होता। दूसरी ओर उन्होंने कहा है कि औरंगजेब ने जिस हिन्दू को अपमानित व प्रताड़ित किया उसी ने मुगल राज के लिए कफन तैयार कर दिया। दोनों कथनों में परस्पर विरोध है।