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प्रोक्ति की अवधा...

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प्रोक्ति की अवधा...

प्रोक्ति की अवधारणा और स्वरूप

Author Name : डाॅ. कमलेश सरीन

परिचय  साहित्य भाषा के विश्लेषण के लिए प्रत्येक विधा में शैली वैज्ञानिक दृष्टि से जिस स्तर की सबसे अधिक अपेक्षा अनुभव की जाती है, उसकी सबसे पहले चर्चा एम.के.के. हेलीडे ने की है। भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि और बड़ी इकाई वाक्य है। विचारों के आदान-प्रदान के लिए वाक्य पूर्ण नहीं होते। भाषा का मूल व्यापार सम्प्रेषण का है संप्रेषित वाला भाषिक व्यापार वाक्योपरि स्तर का होता है। वाक्योपरि स्तर की इस सार्थक इकाई को ही प्रोक्ति कहा जाता है।