International Journal of All Research Education & Scientific Methods

An ISO Certified Peer-Reviewed Journal

ISSN: 2455-6211

Latest News

Visitor Counter
3654765264

परराष्ट्र एवं प्...

You Are Here :
> > > >
परराष्ट्र एवं प्...

परराष्ट्र एवं प्रतिरक्षा नीति के सम्बन्ध में पं0 दीनदयाल उपाध्याय के विचारों का मूल्यांकन

Author Name : डा0 लक्ष्मी गौतम

संक्षेपण

पं0 दीनदयाल उपाध्याय एक राष्ट्रवादी चिन्तक थे। अपने चिन्तन में उन्होंने सदैव राष्ट्र को सर्वाेपरि माना। उनका विचार था कि जब तक हम व्यक्तिनिष्ठ मनोवृत्ति से ऊपर उठकर राष्ट्र के बारे में न सोचेंगे कि राष्ट्र क्या है, तब तक कुछ भी नहीं होगा। सिर्फ पर्वत और नदियों, रेगिस्तानों का नाम तो राष्ट्र नहीं है। राष्ट्र चिन्तन पर जब तक हृदय झंकृत न हो, तब तक वह हृदय व्यक्तिनिष्ठ रहता है। हमारे जीवन का केन्द्रीय तत्त्व राष्ट्र ही तो है जो हम सबको एक दूसरे से जोड़े रहता है। अपने इसी राष्ट्रवादी चिन्तन के आधार पर उन्होंने देश की राजनीति की दिशा निर्धारित की।

कुँजी शब्द:- पराराष्ट्र, राष्ट्रीयता, अन्तर-राष्ट्रीयता, आधुनिकता।