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कृष्णा सोबती के उ...

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कृष्णा सोबती के उ...

कृष्णा सोबती के उपन्यासों में अभिव्यक्त नारी- समस्याएँ

Author Name : प्रकाश भानु सिंह, डा० सुमन कुमारी

प्रस्तावना: नारी जननी है उसके बिना जीवन और जग का आगे बढ़ना असंभव है। नारी माँ है, बहन है, पत्नी है और प्यारी पुत्री भी है नारी के बिना धरती नरकमय स्थान मात्र है। माना जाता है कि हमारे देश में वैदिककाल में नारी को पूर्ण आदर प्रदान किया जाता था। नारी संपूर्ण रूप से स्वतंत्र थी। वैदिककाल की नारियों ने पुरुषों के समकक्ष स्थिति का आनंद लिया। वैदिककाल की महिलाएँ शिक्षित होती थी, लेकिन पुरुष प्रधान होने की भावना उसके जीवन की दिशा को बदल डालने में सबल रही।